Description
पितृ दोष निवारण अनुष्ठान
पितृ दोष निवारण अनुष्ठान एक शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है। इस अनुष्ठान में पितृ, देवताओं और देवियों का आह्वान किया जाता है और यह अनुष्ठान पूर्णरूप से पितृ दोष एवं पितृ श्राप के प्रभाव को ज्यादा से ज्यादा कम करने में मदद करता है। पितृ दोष निवारण अनुष्ठान में शक्तिशाली मंत्रों का जाप, स्तोत्र एवं तंत्रोक्त पूजन के साथ किया जाता है ताकि पितृ का आह्वान करके पितृ का दोष शांत कर उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके। हरेक व्यक्ति का पूर्वज ही पितृ हैं जो हमारे और हमारे पूर्वजों से पहले रहते थे जो इस धरती से अपना शरीर छोड़ चुके हैं। वैदिक हिंदू शास्त्रों में पितृों का व्याख्यान किया गया है की पितृ भी देवता के समान हैं। इस पृथिवी पर हमारा पंचभूत शरीर अवतरण उन्ही हमारे पूर्वजों के अस्तित्व से ही आया है। पितृ दोष का प्रभाव तब होता है जब हमारे दिवंगत पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। शास्त्रों के अनुसार तीन प्रकार के पितृ प्रभाव बताया गया है;