Description
सौन्दर्य लक्ष्मी दीक्षा
महालक्ष्मी का तो सम्पूर्ण स्वरूप ही सौन्दर्यमय है फिर उनकी किसी भी रूप में उपासना की जाय, किन्तु जहां बात आती है यौवन की एवं इस शारीरिक सौन्दर्य की, तब तो उनका एक विशेष रूप-सौन्दर्य लक्ष्मी ही उतारना पड़ता है इस जीवन में। भगवती महालक्ष्मी जब अपने ‘सौन्दर्य लक्ष्मी’ स्वरूप में कृपावान होती है तो केवल बाह्य सौन्दर्य ही नहीं आन्तरिक सौन्दर्य भी प्रदान कर जाती है, क्योंकी यही तो वह उपाय है जिससे पारीजात की सुगन्ध भर ली जाय अपने अन्दर और वह फिर महकता रहता है, पूरे जीवन भर।
हर पल हर क्षण अपनी आभा और रंग के साथ, जो क्रिया किसी भी उपाय या पद्धति से सम्भव हो ही नही सकती, अनेक उपाय कर लेने के बाद अनेक प्रसाधनों का दुष्प्रभाव देख लेने के बाद यदी जीवन में एक ऐसा छोटा – सा प्रयोग भी करके देखा जाय तो हानि इसमे कुछ नहीं है।