Description
भद्रकाली उच्चाटन दीक्षा
गृहस्थ जीवन की समस्याओं में विशेष तौर पर आज के आधुनिक युग में एक विकतटम समस्या है – पुत्र अथवा पुत्री का बुरी संगत में फंस जाना, जिसके कारण पारिवारिक मर्यादाओं को त्याग, अपनी पढाई-लिखाई (शिक्षा) को भुलाकर वे व्यर्थ के क्रिया-कलापों, मदिरापान करना, जुआ खेलना आदि में लिप्त हो जाते हैं ।
अगर समय रहते इस तरह के जुड़ाव से उनका मोहभंग नहीं हुआ तो उनका जीवन बर्बाद हो सकता है । इसी उद्देश्य हेतु यह तीव्र ‘भद्रकाली उच्चाटन साधना’ की जाती है।
सबसे पहले आपको भद्रकाली उच्चाटन दीक्षा लेना चाहिए तत्पश्चात अपनी साधना शुरू करें उसके बाद ही आप अपने प्रियजन और बच्चों के भविष्य को पूरी तरह से सुरक्षित कर सकते हैं।